जड़ी बूटियों से कम नहीं हैं प्रदूषण में भी फेफड़ों को बचाने वाली ये 10 चीजें

जड़ी बूटियों से कम नहीं हैं प्रदूषण में भी फेफड़ों को बचाने वाली ये 10 चीजें

रोहित पाल

आज का वातावरण पूरी तरह प्रदूषित हो गया है जो कि लोगों के लिए काफी खतरनाक है। प्रदूषण के कारण कई बीमारयां हो रही है। और तो और वातावरण में प्रदुषण के बढ़ते ही साँस लेने में तकलीफ होने लगती है। अचानक तापमान में बदलाव, मौसम में खुश्की के आलावा वातावरण में फैले प्रदुषण के छोटे-छोटे कण हमारे शरीर में चले जाते हैं और सांस लेने की नली से लेकर फेफड़ों में जम जाते हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां होने लगती हैं। आगे चलकर यही बीमारियां ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा, सीओपीडी जैसी समस्याओं में भी बदल सकती हैं। लोग इस बढ़ते प्रदुषण से बहुत परेशान हैं खासकर जो लोग रोज काम के लिए बाहर निकलते हैं उन्हें तो प्रदूषण से जुडी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और सबसे ज्यादा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। ऐसे में फेफड़ों को सुरक्षितं कैसे रखा जाए। वैसे थोड़ी सी सावधानी और कुछ चीज़ों के सेवन से हम फेफड़ों को मजबूत कर सकते हैं। आयुर्वेद में भी इन चीज़ों को फेफड़ों की मजबूती के लिए उत्तम बताया गया है। आइये जानते हैं इनके बारे में....

1- मुनक्‍का

कम से कम 15 मुनक्के के साफ व ताजे दाने लें और उन्हें कम से कम 150 मिलीमीटर पानी में भिगो दें। सुबह उसका बीज निकलकर सेवन करें और बचे हुए पानी को पी लें। एक महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़े मजबूत हो जाते हैं।

2- शहद

रोजाना सुबह एक चम्‍मच शहद का सेवन करें। एक दो महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़ों के रोग दूर होते हैं और फेफड़े मजबूत बनते हैं। इसके अलावा शहद का सेवन शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ाता है।

3- अंगूर

अंगूर ऐसा फल है जो सभी प्रकार की बीमारियों को दूर रखता है। खांसी और दमे जैसी बीमारियों के लिए अंगूर बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखे अगर आपको डायबिटीज हो तो अंगूर का सेवन अधिक मात्रा में न करें।  

4- अंजीर

फेफड़े की परेशानियों को दूर करने में अंजीर काफी मदद करती है। 5 अंजीर को एक गिलास पानी में उबाल लीजिये। दिन में दो बार इसका सेवन करने से फेफड़ों की गंदगी साफ होती है और उन्‍हें शक्ति मिलती है।

5- लहसुन

आयुर्वेद के अनुसार लहसुन को कई बीमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसे कफनाशक समझा जाता है। भोजन के बाद लहसुन का सेवन करने से छाती साफ रहती है और कई रोगों से रक्षा होती है।

6- मुलहठी

खांसी और खराश में मुलहठी के फायदे आप जानते ही हैं। यह फेफड़ों के लिए बहुत लाभदायक होती है। पान में डालकर मुलहठी का सेवन करने से कफ नाश होता है।

7- तुलसी

तुलसी के सूखे पत्‍ते, कत्‍था, कपूर और इलायची समान मात्रा में ले ल‍ीजिए। इसमें नौ गुना चीनी मिलाकर बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की चुटकी भर मात्रा दिन में दो बार खायें। इससे फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है।

8- एचिनासा

एचिनासा एक एंटी माइक्रोबियल हर्ब है। जो रोगों से लड़ने के लिए जाना जाता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। एचिनासा सफेद रक्त कोशिका के उत्पादन द्वारा काम करता है।

9- शहतूत के पत्‍ते

शहतूत के पत्‍ते चबाने से फेफड़ों के रोग, फेफड़ों की जलन, सिरदर्द और खांसी आदि दूर होती है।

10- मेंहदी

एचिनासा की तरह मेंहदी में भी एंटी माइक्रोबियल हर्ब होते हैं। इसमें मौजूद शक्तिशाली तेल में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्‍टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। हर्बल चिकित्सक जुकाम, गले में खराश, फ्लू, खांसी, ब्रोंकाइटिस और छाती में संक्रमण को समाप्त करने के लिए मेंहदी का इस्तेमाल करते हैं।

 

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